
IndiGo की लगातार रद्द हो रही उड़ानों ने देशभर के एयरपोर्ट्स को पिछले कई दिनों से mini-chaos zone बना दिया है। हजारों यात्री फंसे, लाइनें लंबी, बोर्ड पर लगातार CANCELLED—और इसी बीच दूसरी एयरलाइंस ने मौका देखकर किराया आसमान तक पहुंचा दिया।
कुछ एयरलाइंस ने टिकट दाम दो नहीं, पूरे तीन गुना तक कर दिए।
मानो कह रही हों—“आप फंसे? चिंता मत कीजिए… लेकिन जेब भी साथ लेकर आइए!”
सरकार का बड़ा एक्शन—अब एयरलाइंस मनमर्जी से किराया नहीं बढ़ा पाएंगी
यात्रियों की बढ़ती दिक्कतें और एयरलाइंस की मनमानी देखकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय एक्टिव मोड में आ गया।
अब फेयर कैप लागू— यानि कि अब कोई भी एयरलाइन तय सीमा से बाहर किराया नहीं वसूल सकती।
सरकार ने तय किया नया किराया—कहां तक कितने पैसे?
मंत्रालय के नए फेयर कैप के अनुसार:
| दूरी (किमी) | अधिकतम किराया |
|---|---|
| 0–500 km | ₹7,500 |
| 500–1000 km | ₹12,000 |
| 1000–1500 km | ₹15,000 |
| 1500 km से ऊपर | ₹18,000 |
नोट: इसमें UDF, PSF और टैक्स शामिल नहीं हैं।
सरकार ने साफ कहा है—“स्थिति सामान्य होने तक यही कैप लागू रहेगा।”
क्यों उठा यह कदम?
- एयरलाइंस द्वारा शिकायतों की बाढ़
- टिकट कीमतों का अचानक तीन गुना बढ़ जाना
- हजारों फंसे यात्रियों की मुश्किलें
- सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर
सरकार ने रीयल-टाइम डेटा, एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लैटफ़ॉर्मों के साथ मिलकर किराए की लगातार निगरानी करने का निर्णय भी लिया है।

उल्लंघन किया? तो सीधे एक्शन।
इंडिगो पर सख्ती: रिफंड और बैगेज पर 48 घंटे डेडलाइन
मंत्रालय ने इंडिगो एयरलाइन को स्पष्ट निर्देश दिए:
रविवार शाम 8 बजे तक पूरा रिफंड लौटाएं
48 घंटे के भीतर सभी मिसिंग बैग खोजकर घर-पहुंच सेवा
प्रभावित यात्रियों से कोई रीशेड्यूलिंग शुल्क नहीं
स्पेशल सपोर्ट और रिफंड सेल तुरंत बनाएं
सरकार का टोन साफ था—“यात्री परेशान हैं, अब बहाने नहीं चलेंगे।”
यात्रियों का गुस्सा, सरकार की सख्ती, और इंडिगो की बड़ी परीक्षा
यह पूरा प्रकरण भारतीय एविएशन सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है—
- प्लैनिंग की कमी
- एक एयरलाइन पर ओवर-डिपेंडेंसी
- नियमों का पालन न होना
सरकार की कैपिंग से यात्रियों को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन इंडिगो और बाकी एयरलाइंस के लिए यह रियलिटी चेक है।
